जब इस पिक्चर को मैंने देखा तो बहुत अच्छा लगा . ऐसा नहीं है कि मुझे अकेले रहना पसंद है पर कुछ पल के लिए मुझे अकेले रहना बहुत पसंद है. ऐसे समय में मैं अपनी दुनिया में खोई रहती हूँ ............... बिल्कुल ऐसे ही
जितने भी सवाल दिमाग में घूम रहे होते है ,सब का जवाब पाना आसान हो जाता है . खैर मेरी छोड़िए हर इंसान अपने आपको खुश रखने के लिए तरह-तरह के नुक्से अपनाता है. ना तो यह कोई नयी बात है जो आपसे कह रही हूँ पर यह एक एहसास है जो रोज़मर्रा कि ज़िन्दगी में हम सब महसूस करते है....
इसके आगे मैं कुछ नहीं कह सकती क्यूंकि कुछ पल अधूरे रहने चाहिए इससे आगे आने वाले पलों का बेसब्री से इंतज़ार रहता है .....
Sushmita...
sushmita ye sirf vichar hain ya realy tum aisi ho? if u don't mind plz give ur e mail address. my e mail is rahuljournalist@gmail.com
ReplyDeleteyeh sirf ek vichar hai...
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