ख़्वाबों को समेटे हुए
हर पल से गुज़र बैठे.....
अक्सर ख्यालों में कुछ अजीब दिलकश हमारी सोच पंख लगा कर उड़ान भरने लगती है , यह उड़ान मीलों दूर की हो या पास की .....क्या फर्क पड़ता है .बस अब तो उड़ान भर चुके , यह डोर कहा तक जाए कुछ पता नहीं .
उस ख्वाब की गहराई तक पहुंचना है .
पहुंचना है उस एहसास तक जिसे महसूस किया पल भर में .
ज़रा एक कोने में बैठ जाइए और सुनिए अपने मन की आवाज़.
. . . बहुत कुछ कहना चाहती हूँ ... पर शब्द नहीं मिलते , शब्द मिलते है तो बयान नहीं कर पाती ..... कोशिश है हर पल को खूबसूरती से कैद कर उन्हें शब्दों के सहारे जान डाल दी जाये वो दृश्य जीवित रूप में हम सब के सामने दिखाई दे ताकि हरी-हरी पत्तियों के बीच ये फूल लहरातें दिखाई दे ..

यूँ तो मुस्कुराना हमें भी आता है
यूँ तो पलों को जीना हमें भी आता है
शब्दों में कैद कर यहाँ तक पहुंचाना
उन्हें एक जान देना , हमें नहीं आता है .....
Sushmita...