Saturday, May 21, 2011

सोचो ना.....

छन सी  गुज़रे
यूँ ख्वाब को समेट कर

खिल सी गुज़रे
यूँ लहरा के आँचल लिए

थम सी हाय ..........!
यूँ धड़कने बढ़ाती जाए ...

ये चूड़ियों की खन- खन,,,,,,,  हाय ..... !
कहती जाए .... यूँ थाम के बैठो ,, अपने दिल को , खिल के झूमो
धीमे- धीमे तुम होंठों से ,,,,,,,, अब मुस्कुरा दो......

देखो ना  ..... देखो ना  ......
है ये बात छोटी सी

पल दो पल कहने को पड़ी है उम्र पूरी                                                     कुछ कहो नज़रों से ,,, बातें रहने दो अधूरी  
                                 
कह भी दो ,,, सोचो ना.....
इंतज़ार है ,,,,,, इंतज़ार है तुम्हारा ......................





















Sushmita ......

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