फिर क्यों कहते है , क्या कुछ छुपाती है वो
सब कुछ तो कहती है जुबान से
फिर क्यों कहते है, क्या कहना चाहती है वो
सब कुछ तो कहती है आँखों से
फिर क्यों कहते है, क्या चाहती है वो
एक मुस्कुराहट से छुपा देती है
हर बात को वो , हर एहसास को वो
Sushmita...
safar aisa ho jo chalta hi jaye,,,, jaha lamhe ho , yaadein ho, muskuraahat ho sath hi 'Kuch Baatein' ho ....
No comments:
Post a Comment