Monday, December 7, 2009

अपनी तो पाठशाला .......

मेरे दोस्तों को मुझसे एक शिकायत है कि में अपने ब्लॉग में हमेशा कोई गंभीर विषय क्यों लेती हूँ, तो मैंने सोचा क्यों न आज KUCH BAATEIN  इन्ही के बारे में करते है, KUCH BAATEIN ...
दोस्तों के नाम ...




तो देर किस बात की
 शुरू करते है..



कॉलेज का पहला दिन .. Journalism में late addmission होने के कारण मैंने क्लास late join की. क्लास शुरू हो चुकी थी जैसी ही मैं क्लास में गयी सभी मुझे देखने लगे( अब क्या है कि में इतनी खुबसूरत तो नहीं हूँ पर फिर भी ha ha ha) जी नहीं ऐसा नहीं है , दरअसल बड़ा अजीब लगता है जब एकदम से सभी आपको देखे( उन दिनों में शांत, सहमी हुई स्वभाव की लड़की थी, किसी से बात करने मे मैं थोड़ा हिचकिचाती थी). मैं अपनी जगह पर जा कर बैठ गयी 5 -10 मिनट बाद मैंने सामने देखा तो क्लास मे एक लड़की मुझे Hi कर रही थी ( और करती भी क्या इतनी बोरिंग क्लास जो थी) . मैंने भी Hi कर दी. वैसे यकीन मानिये क्लास सच मे इतनी बोरिंग थी इकोनोमिक्स( हमारी सरकार ..... और ना जाने क्या क्या पढ़ा रही थी teacher ) मैं तो पहली क्लास मे सोच मे पढ़ गयी आखिर ये हो क्या रहा है . अरे भाई ! मैं तो यहाँ रेडियो FM पढने आई थी, पर यहाँ तो अलग ही खिचड़ी पक रही है. खैर जाने दीजिये कम से कम क्लास तो ख़त्म हुई ..........



ज़रा गौर तो करे यह मैडम कौन थी जो मुझे Hi कर रही थी, ये है Neha Jhingan ( जिन्हें हम सभी प्यार से Jhingan , NJ कह कर बुलाते है) , कहा जाए तो एक शरारती, प्यारी, और एकदम Darling personality ( बहुत caring लड़की) . बहुत अच्छा लगा पहले ही दिन मुझे इतनी अच्छी फ्रेंड मिली . धीरे धीरे मैंने सब से बातें करनी शुरू की.



अब मिलते है इनसे ...... arreee वाह ! Urvashi urvashi take it easy URVASHIII............. क्या बात है क्या रुतबा है इनका , जहाँ जहाँ से यह गुज़रती वहां से ये ही आवाज़ सुनाई देती . इनसे मिलिए ये है हमारी प्यारी, भोली URVASHI Ji . इतनी भोली इतनी भोली के बच्चो की तरह घबरा जाती है जरा जरा बातों पर. हुआ यूँ कि regular classes ख़त्म होने के बाद हम journalism के students 2 बजे कॉलेज जाते और घर लौटते वक़्त शाम के 6 :30 बज जाते. एक दिन मैं बस स्टैंड पर खड़ी बस का इंतज़ार कर रही थी देखा तो कॉलेज के guard अंकल के साथ Urvashi.... , बात यह थी कि उसकी बस जा चुकी थी और वो घबरा गयी के अब वो घर कैसे जाएगी ,फिर  अंकल जी उसको ले कर गए और बस मे बैठाया.



चलिए.........कहीं आप तो Urvashi urvashi take it easy URVASHII कहना शुरू तो नहीं हो गए , आगे बढ़ते है और भी महान हस्तियाँ है अभी तो,

अरे इन्हें क्या हुआ यह तो बड़ी गुस्सैल और खतरनाक लग रही है, मेरी तो नज़रे इन्ही पर टिकी हुई है कहीं आने वाले दिनों मे यह मुझे ऐसे ही डांटे इससे अच्छा Sushmita कभी क्लास मे जो भी काम मिले टाइम पर कर लेना बेटी जी वरना ऐसे ही Sana आपकी भी चटनी बना देंगी ( मेरा मन तभी बोला) . मैं एक टक लगातार Sana को देखती रही और सबसे पहला impression इतना खतरनाक था जैसे वो हमारे दोनों लाड दुलारे Sunder Rawat और Jyoti को radio script ना लिखने पर डांट रही थी. खैर ऐसा नहीं है SANA बहुत ही अच्छी लड़की है पर काम के वक़्त काम वरना ......... Sana गुस्से मे आ जाती है. अच्छा है कोई तो है थोड़ा कड़क हमारे ग्रुप मे. तो ये है हमारी SANA .....



इन्हें कैसे भूल जाये ये तो मेरी बड़ी बहन KULVINDER है, हमेशा सब के लिए हाज़िर जैसे कि यह अलादीन है जो चाहो वो पूरा होगा , बहुत ही ज्यादा caring , और किसी से नहीं डरती , न कभी घबराती , बहुत बहुत बहुत अच्छी ...



अब जरा इनकी ओर भी ध्यान दे ही देते है आखिर कॉलेज कि शान है ये... Girl 's कॉलेज के ये 3 मुंडे... इतनी सारी लड़कियों के बीच सिर्फ 3 लड़के, जी वैसे तो 2 बजे से पहले सभी लड़किया चली जाती है , 2 बजे के बाद तो हम ही journalism के students पूरे कॉलेज पर राज करते थे .
 देखा जाए तो सिर्फ और सिर्फ 15 लड़कियों के बीच........ हा हा हा . Varun , Kapil बहुत कम बोलते थे और दूर दूर ही रहते थे पर

क्या करे journalist बनना है तो लड़कियों को झेलते थे दोनों.....


"अरे क्यों दुखी कर रही है Sushmita ज़रा मेरा भी introduction करा दे वरना"......... ये मुझे तब से गालिया दे रहा होगा के फ़ोन पर कहा था, तेरे बारे मे लिख रही हूँ( ऐसा बिलकुल नही था) पर यहाँ रामायण खत्म होने को आई पर यह ही नही पता चला main character कौन है ??? The one and only Sunder Rawat जिन्हें अपना नाम ऐसे $undEr लिखना पसंद है,, ये नहीं जानता रामायण यानी कि MASTI  KI  PAATHSHAALA अब शुरू हुई है,

चल बस तेरे बारे मे Sunder ooopppsss... $undEr इतना ही था ........ हा हा हा हा हा

और इन सब के बीच मैं एक ऐसे व्यक्ति का परिचय देना चाहूंगी जो हम सब के प्यारे रहे हमेशा जब भी हम कॉलेज जाते तब भी और आज भी .... guess करो कौन हमारे "पाजी" सरदार जी . हमारे mass communication के manager Mr . Rai Sir के guard (Mr . Rai के लिए एक मामूली इंसान पर हम पाजी को पूरी रेस्पेक्ट देते थे ) , पाजी अंकल बहुत ही अच्छे इंसान है बहुत अच्छे, जब भी हम क्लास से पहले कॉलेज मे पहुँच जाते, कैंटीन मे या गार्डेन मे बैठे होते तो पाजी हम सभी बच्चो को ढूंढ़ते, सभी को बता देते के हमारे teacher आ गए अब हमे क्लास मे जाना चाहिए, एक बार नहीं बार बार आते थे, और रोज़ हम कैंटीन मे बैठे पाजी को कहते ..


" जी पाजी आये बस, ये लंच कर के आये " . जब भी हम पाजी से नमस्ते करते उनका हालचाल पूछते तो पाजी हमारे सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद देते और कहते " बढिया बेटा" ... हम तो फिर भी कभी किसी कि बुराई कर देते पर पाजी हमेशा बोलते छोड़ो ऐसे नहीं बोलते , रहने दो.


चलते है आगे अपनी पाठशाला मे ...........


सर्दियो के दिन हम लोग क्लास मे बैठे रेडियो कि स्क्रिप्ट पढ़ते इतने मे जैसे ही हमारा बारी आती तो Sir  हम ना ज़रा juice पी के आते है , मैं और NJ ऐसे ही करते . और जब भी theory क्लास होती रेडियो की history तो दादी नानी सब याद आ जाती. ये नेहा तो face पर हाथ रख कर और नीचे रखी नोटबुक को देखती हुई कब नींद पूरी करती भई वो तोह इसी से पूछो, और चालू लड़की जगती भी तब थी जब क्लास ख़त्म होती थी  और हमारी teacher हमे पढ़ा पढ़ा के मारने पर लगी रहती थी, बस हम सब की नज़रे घड़ी पर टिकी रहती  ," आरे भई बक्श दो अब बच्चे की जान लोगे क्या" यह dailog तो धीरे धीरे Neha बोलती थी  , और मेरा ये हाल ना तोह खुल कर हंस सके ना lecture सुन सके.

जो कॉलेज की कैंटीन मे जाते तो ठाट से जैसे हमारे चाचा की कैंटीन है , हम आर्डर देते के साथ ही kitchen मे चले जाते , पता चलता ये शोर कहा से आ रहा है और हमारा आर्डर इतना लेट क्यों हो रहा है तो पता चलता ये तीनो लड़के kitchen मे लगे TV पर मैच देख रहे है.

हे भगवान् ! मैच है आफत साथ मे इतना शोर भी.


कैंटीन की मस्ती तो अलग ही हुआ करती थी . कॉलेज पहुँचने से पहले ही फ़ोन खड़कने लगते थे .........


अरे भई कहा है ?

- बस यही रास्ते में या फिर कॉलेज के गेट पर .

- तुम लोग कहा हो और कौन कौन आ गया अब तक ?

अरे सब आ गए बस तू भी जल्दी आ ....

- अरे यह तो बता दे कहा हो सब अरे Hello फ़ोन काट दिया क्या ....

नहीं हम सब कैंटीन में है बस तू फ़ोन रख जल्दी आ ."

बस कॉलेज की सारी information पहले ही फ़ोन पर मिल जाती.. " देखो आ गए ये सब भी , आओ आओ चलो लंच कर लो " ( कैंटीन में बैठे हम सब कहते )

अब देखते है ये जनाब क्या करते थे $undEr हे भगवान् ! क्या कहना इसका तो दिमाग हर वक़्त कुछ न कुछ मस्ती करने में लगा रहता था , उलटे को सीधा और सीधे को उल्टा करना कोई इससे सीखे .. रोज़ नए नए तड़ाक भड़ाक songs सुनाता था वो भी सबको पकड़ पकड़ के "सुन Sushmita सुन Urvashi एक amazing song सुनाता हूँ यही रह और मैं बड़े शौक से साथ बैठ के सुनती जैसे ही song play होता ...... LINKING PARK ( in the end ) हमारा response (bas kar baksh de)
रोज़ नए नए गाने ढूंढ़ के लाना और हम सबको सुनाना अच्छा लगता था शाम हो जाती थी और हम सब क्लास के बाद फिर कैंटीन में.
 
कहने को कुछ भी नहीं पर यह छोटी छोटी हरकते बहुत अच्छी लगती थी सब की टांग खीचना ये $undEr के काम थे . हर किसी को जब तक ये  तंग नहीं करता तब तक इसका खाना हज़म नहीं होता था. क्लास में ऐसे चोरो की तरह आता था , एक दिन रूम का door ओपन किया खुद नही आया बल्कि अपना face निकाला सभी क्लास में बैठे देखने लगे , पर $undEr को यह मालुम नहीं था क्लास में teacher है, तभी पकड़ा गया, देखो तोह क्या किया इसने बोला mam may i come in ........ और ऐसे react किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं  और हमारी तरफ देख बोला क्या हुआ .....? और सुंदर लड़की दिखते ही कितनी सुंदर लड़की है...... हैं ना Urvashi? हम बोलते बस भी कर भई , अच्छे से पकाता था ये सब को.

एक बार क्लास में सभी note कर रहे थे , इतने में आवाज़ आई जैसे कोई बहुत तेज चिल्ला रहा हो ... पता चला इसने अपने फ़ोन की ringtone सेट कर रखी थी, Sameena Mam ने डांट लगाई. कहा ये क्या है $undEr ? इसको (ringtone ) अभी बदलो , एक बार नहीं दो तीन बार इसने ऐसी हरकते की , कभी कभी तो इतना पका देता था .. recording चल रही है पर इसको सोने से फुर्सत मिले तब ना. exams टाइम पर तो इसकी बदमाशी आसमान छुती थी . लिखते लिखते बीच बीच में Sir मैं पानी पीने ज़ाऊ और बाहर खड़े हो कर अजीबो- गरीब हरकते करना .

क्लास में इतनी शान्ति पेपर सब के हाथ में आने वाला था $undEr बोला भाई Kapil जरा मेरे cell पर कोई भी message भेज Kapil ने msg . भेजा , क्लास में सब शांत थे इतने में आवाज़ आई " इतना सन्नाटा क्यों है भाई " हे भगवान् ! ये और इसकी हरकते ...
"कभी कभी सब खुश होते थे तोह कभी ये हद से ज्यादा irritate भी karta था."

क्लास के बाद रोज़ जब हम घर जाते तो रास्ते में Sana और मैं किताब पढ़ते , हम दोनों को कविताए और novel पढने का बहुत शौक था , बस का इंतज़ार करना बहुत बुरा लगता था गुस्सा आता था न कोई स्टैंड बैठने के लिए घंटे तक इंतज़ार करना. बस का टाइम और हमारी छुट्टी का टाइम बहुत ही अलग था ,फिर हमने किताबें लानी शुरू की , बैग में एक किताब जरुर होती थी ... फिर क्या था हमे बस का इंतज़ार करना बुरा नहीं लगता था हम दोनों साथ में 'तसलीमा नसरीन' की poetry पढ़ते थे , एक बार हमारे Sir ने किताब पढ़ते देख लिया दूर से ही बोले " सही है सही है पढ़ो पढ़ो ".


और फिर क्या था बस में बैठे या बस का इंतज़ार करते हमारे हाथ में किताब जरुर होती थी , अगर आज यह Sana पढ़ रही होगी तो जरुर खुश होगी क्यूंकि Sana को बहुत अच्छा लगता था ये सब, आज भी हम जब कॉलेज के दिन याद करते है तो Sana ये बातें तो जरुर याद दिलाती है .



कॉलेज में मेरा आखिरी दिन... मेरा इसलिए क्युंकि मैंने सिर्फ Radio FM का course करना था बाकी सब आगे mass comm . course continue करना चाहते थे . jyoti , neha , babita ,ये सभी cycling कर रहे थे और मैं गार्डेन में एक जगह थी वो टॉप था आसपास बहुत ही प्यारे फूल थे में उस टॉप पर बैठ कर jyoti के मोबाइल पर गाने(सोफ्ट सोंग्स) सुन रही थी  ,
Kulvinder भी मेरे साथ ही बैठी थी , सब ने कहा मैं ऐसे क्यों बैठी हूँ ? साथ में चलकर उनके साथ मस्ती करू पर नहीं मैं नहीं जाना चाहती थी उन सभी को बैठे देख रही थी.

बस शाम होती गयी पाजी आये उन्होंने हम सभी बच्चो को रिजल्ट आने पर बधाई दी और दुआ दी के हम सब ऐसे ही खुश रहे और आगे बढे अपने करियर में सफल हो . .और एक एक कर सब आखिरी बार मिले और फिर वही रोज़ की तरह सब कॉलेज से बस स्टैंड और सब अपने अपने घर ......


मैं ये ही कहना चाहूंगी वो कॉलेज के दिन कभी वापस नहीं आयेंगे पर जो हम सभी शरारते करते थे बहुत बहुत याद आती है , क्यूंकि सिर्फ हम friends से ही नहीं बल्कि अपने teachers से भी बड़ी मस्ती करते थे .

सभी बहुत अच्छे पर waise मेरा  सब से अच्छा टाइम  NJ और Sana के साथ बीता ................
 LOVE YOU both my dear ,sweet, darling frds SANA and Neha ... really really miss you a lot !!


एक और बात मैं याद दिलाना चाहूंगी आज 4th dec . है हमारी प्यारी Urvashi का b 'day ..... Happy Birthday Urvashi !! ...

 

दुआ है के सब अपना मुकाम हासिल करे
तरक्की करे
और हमेशा ऐसे ही सभी को खुश रखे और मुस्कुराते रहे ........

2 comments:

  1. kya baat hai sush..........thanksssssss a lotttttt.....its incredible dear...butt ek shikayat hai...m not that much strict as u explained.......

    SANA QAMAR

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  2. shukriyaa.... aapko achcha laga , main bas yahi koshish kar rahi thi ke aap sab yeh padh kr usi tym main wapas pahunch jaye,,,

    haan mein jaanti hun tum itni strict nhi ho par aage bhi bahut kuch likha tha maine.... :-)

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